पोल्ट्री फार्मिंग (मुर्गी पालन) गाइड: 100-200 मुर्गियों से अंडा और चिकन बिजनेस कैसे शुरू करें

भारत देश में पोल्ट्री फार्मिंग यानी मुर्गी पालन हमेशा से ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और आय का मजबूत जरिया रहा है। बढ़ती आबादी, प्रोटीन के स्रोत है, अंडे और चिकन की मांग और कम लागत में अच्छे मुनाफे की संभावना मैं इस बिजनेस को बहुत पॉपुलर बना रखा है। अगर आप भी अपने गांव या शहर में पोल्ट्री फार्म खोलना चाहते हैं तो आप सही पोस्ट पर आए हैं इसमें हम आपको फुल गाइड करेंगे।

पोल्ट्री फार्मिंग क्या है?

पोल्ट्री फार्मिंग में मुर्गियों को अंडे और मांस के उत्पादन के लिए पाला जाता है।
  • लेयर मुर्गियां(Layer Birds) - जो अंडा उत्पादन के लिए पाली जाती हैं।
  • ब्रायलर मुर्गियां (Broiler Birds) जो मांस उत्पादन के लिए पाली जाती है।
आप अपनी रुचि और डिमांड के हिसाब से इन दोनों में से कोई भी स्टार्ट कर सकते हैं या दोनों भी स्टार्ट कर सकते हैं।

कितनी मुर्गियों से शुरू कर सकते हैं?

छोटे स्तर से शुरुआत करना हमेशा ठीक होता है आप 100 से 200 मुर्गियों से शुरुआत कर सकते हैं जैसे-जैसे अनुभव और मार्केट में पकड़ बनती है, उसके बाद आप इसे बड़ा करके 500 से 1000 भी कर सकते हैं। स्टार्टिंग छोटे से करने से इसमें जोखिम कम होता है।

पोल्ट्री फार्म के लिए जगह कैसी होनी चाहिए?

मुर्गी पालन के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती 100 से 200 मुर्गियों के लिए आप 600 से 800 वर्ग फुट जग में शुरू कर सकते हैं।
  • साफ सफाई की उचित व्यवस्था हो।
  • हवादार सेट हो ताकि मुर्गियों को गर्मी और सर्दी में कोई दिक्कत ना हो।
  • पानी और दाने की सुविधा आसानी से हो सके। 
  • फार्म ऐसी जगह हो जहां आने-जाने की रास्ता हो गांव के शहर के पास में हो और ज्यादा रिहायशी इलाका ना हो। 

पोल्ट्री सेट कैसे बनाएं?

मुर्गी पालन के लिए मजबूत और के फायदे सेट बनाना चाहिए जिससे सर्दी गर्मी और कुत्ते जैसे जानवर से सुरक्षा मिल सके। 
  • फार्म का छठ तीन सेट से बनाना चाहिए। 
  • जमीन पर सीमेंट का फर्श अच्छा रहता है जिसमें साफ सफाई की सुविधा अच्छी होती है।
  • साइड में उचित वेंटीलेटर यानी हवा का आना जाना अच्छी तरीका से होता हो
  • सब के चारों तरफ से अच्छी तरीका से तार वगैरा किसी चीज से अच्छी घनी तारबंदी करें जिससे कुत्ता बिल्ली ना आ सके।

कौन-कौन सी नस्लें पाल सकते हैं?

भारत में कई तरह की नस्लें लोकप्रिय हैं। जैसे: लेयर नस्लें: व्हाइट लीघॉर्न, आईएसए ब्राउन आदि। 
ब्रोइलर नस्लें: कोब, वेंकूब, रॉस आदि।
देसी नस्लों: में कड़कनाथ, ग्रामप्रिय जैसी नस्लें भी आजकल काफी डिमांड में हैं। इनका मांस थोड़ा महंगा बिकता है और सेहत के लिहाज से भी लोग इन्हें पसंद करते हैं।

क्या-क्या खर्च आता है?

सेट निर्माण:- जमीन अपनी है तो खर्च कम आएगा।
चूजों की खरीद:- चूजों की खरीद नस्ल के हिसाब से होगी।
दाना (फीड):- मुर्गियों के खान-पान का सबसे ज्यादा खर्च आता है।
दवाइयां और वैक्सीनेशन:- बीमारी से बचने के लिए जरूरी है।
मजदूरी:- अगर आप खुद देखभाल कर सकते हैं तो यह खर्चा आपका बचेगा।
पानी की व्यवस्था:- लगातार साफ पानी की जरूरत होती है।
100 मुर्गियों के लिए लगभग 40,000 से 60,000 का खर्चा आ सकता है।

मुर्गियों की सही देखभाल कैसे करें?

मुर्गियों की सही देखभाल करने से ही उत्पादन होता है।
  • समय-समय पर वैक्सीनेशन कराएं।
  • रोजाना सेड और बर्तन साफ करें।
  • मुर्गियों को सही पोषक तत्व वाला खाना दें। 
  • बीमार मुर्गियों को अलग रखें और तुरंत पशु चिकित्सक को दिखाएं।

कितना मुनाफा हो सकता है?

अगर आप 100 लेयर मुर्गियों से शुरू करते हैं तो हर दिन औसतन 80–90 अंडे मिल सकते हैं।
अगर 1 अंडे की थोक कीमत 5–6 रुपये है तो आप रोजाना 400–500 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
इसी तरह ब्रोइलर मुर्गियों में 45–50 दिनों में मुर्गी तैयार होकर बिकने के लिए तैयार हो जाती है।
एक मुर्गी से औसतन 200–250 रुपये का लाभ आसानी से हो सकता है।
जैसे-जैसे यूनिट का आकार बढ़ता है, मुनाफा भी बढ़ता जाता है।

अंडे और चिकन कैसे बेचे?

पोल्ट्री फार्मिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके लिए लोकल मार्केट हमेशा चालू रहता है। आप अंडे या चिकन को गांव या शहर या लोकल मार्केट में जैसे होटल आदि में सप्लाई कर सकते हैं। 
कुछ लोग अपने फार्म से या अपनी खुद की दुकान खोलकर सेल करते हैं इससे मुनाफा बढ़ जाता है।

पोल्ट्री फार्मिंग में जोखिम

  • कभी-कभी बीमारी फैलने से नुकसान हो सकता है। इसलिए सही टीकाकरण जरूरी है।
  • फीड की कीमतों में उतार-चढ़ाव से लागत पर असर पड़ सकता है।
  • लोकल मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, लेकिन अच्छी क्वालिटी और भरोसेमंद सप्लाई से आप अपनी पकड़ बना सकते हैं।

पोल्ट्री फार्म में सफलता के टिप्स

  • शुरुआत में छोटी रकम से शुरुआत करें।
  • पोल्ट्री ट्रेंनिंग लेट की टेक्निकल जानकारी रहे।
  • बाजार में सीधे ग्राहक तक पहुंचाने की कोशिश करें।
  • गाना पानी और साफ सफाई में कोई समझौता या चूक ना करें।
  • सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं, अपने फार्म की ब्रांडिंग के लिए।

सरकार से क्या मदद मिल सकती है?

मुर्गी पालन को बढ़ाने के लिए कई राज्य सरकार और NABARD जैसी संस्थाएं सब्सिडी और लोन भी देती है। आप पशुपालन या कृषि विभाग से बात कर सकते हैं और जानकारी ले सकते हैं। 

निष्कर्ष

पोल्ट्री फार्मिंग यानी मुर्गी पालन ऐसा व्यवसाय है जिसे आप कम बजट में शुरू करके धीरे-धीरे बड़ा बना सकते हैं। अंडा और चिकन की डिमांड कभी कम नहीं होती, इसलिए आपको बस सही देखभाल और मार्केटिंग पर ध्यान देना होगा।
अगर आप ईमानदारी, मेहनत और सही जानकारी के साथ काम करते हैं तो यह बिजनेस आपके परिवार की आमदनी को एक नया मुकाम दे सकता है।

Satyaveer Singh

मेरा नाम सत्यवीर सिंह है। मैं पिछले 1 शाल से ज्यादा समय से Content Writing कर रहा हूँ। मैंने Commerce से 12th किया है। मुझे Banking ओर Tech मे ज्यादा इंट्रेस्ट है इसीलिए मैं इन पर लिखना ज्यादा पसंद करता हूँ।

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